पंजाब के कुख्यात पादरी बजिंदर सिंह को 2018 के बलात्कार मामले में मोहाली की अदालत ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।1 अप्रैल को आए इस फैसले ने पीड़िता और उसके समर्थकों के दिल में न्याय की एक नई किरण जगा दी है। दरअसल, जीरकपुर की एक महिला ने पादरी बजिंदर सिंह पर आरोप लगाया था कि उसने विदेश यात्रा में सहायता के बहाने उसका यौन शोषण किया। पीड़िता का कहना है कि इस शातिर पादरी ने उसका अश्लील वीडियो बनाया और धमकी दी कि अगर उसने मुंह खोला तो वह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर देगा।
बजिंदर सिंह कौन हैं?
बजिंदर सिंह का जन्म हरियाणा के यमुनानगर में एक हिंदू जाट परिवार में हुआ था। उनकी जिंदगी में उस वक्त बड़ा मोड़ आया, जब वह जेल गए। जेल में रहते हुए ही उन्होंने ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया। इसके बाद उन्होंने चर्च में पादरी के रूप में अपनी शुरुआत की। फिर 2016 में उन्होंने अपना खुद का चर्च स्थापित किया, जिसका नाम ‘चर्च ऑफ ग्लोरी एंड विजडम’ रखा गया। उनका दावा था कि वे अपनी प्रार्थनाओं के जरिए लोगों को चंगा कर सकते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी कर सकते हैं। इन दावों की वजह से उनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी। देखते ही देखते सोशल मीडिया और धार्मिक क्षेत्र में उनका नाम गूंजने लगा। उनकी सभाओं में हजारों की संख्या में लोग जुटने लगे।
खुद को कहते हैं प्रोफेट
बजिंदर सिंह स्वयं को ‘प्रोफेट’ यानी भविष्यवक्ता के रूप में पेश करते हैं। उनका दावा है कि उनके पास अलौकिक शक्तियां हैं, जिनसे वे लोगों को ठीक कर सकते हैं। उनके धार्मिक प्रवचनों ने भी खासी लोकप्रियता हासिल की है। यूट्यूब और सोशल मीडिया पर उनके लाखों अनुयायी मौजूद हैं।
किन धाराओं में सजा मिली?
अदालत ने बजिंदर सिंह को IPC की धारा 376 (बलात्कार), 323 (मारपीट), और 506 (धमकी देने) के तहत उसे दोषी ठहराया। सजा सुनाते वक्त पीड़िता कोर्ट में मौजूद थी, और उसकी आंखों में इंसाफ की चमक साफ दिख रही थी।हालांकि, इस मामले में शामिल अन्य पांच आरोपियों—पादरी जतिंदर, पादरी अकबर, सत्तार अली, और संदीप पहलवान—को बरी कर दिया
पादरी की करतूत का अंत: जज के सामने गिड़गिड़ाया, फिर भी उम्रकैद की सजा!
कोर्ट में सुनवाई के दौरान बजिंदर सिंह के वकील ने खूब दया की भीख मांगी और दावा किया कि “अब ये सुधर चुके हैं,” लेकिन मोहाली कोर्ट ने साफ कहा- “नहीं!” जज ने दो टूक शब्दों में फरमाया कि खुद को धर्मगुरु बताने वाला शख्स अपने भक्तों के साथ ऐसा घिनौना अपराध करे, ये माफी के लायक नहीं। नतीजा? मरते दम तक जेल! कोर्ट में बजिंदर ने भी ड्रामा किया- छोटे बच्चों का हवाला देकर गिड़गिड़ाया, लेकिन जज ने एक न सुनी और उम्रकैद का फैसला सुना दिया।
2018 का काला सच: विदेश का लालच और वीडियो की धमकी
कहानी 2018 से शुरू हुई, जब जीरकपुर की एक महिला ने बजिंदर पर बलात्कार का आरोप लगाया। पीड़िता के मुताबिक, बजिंदर सिंह ने विदेश ले जाने का लालच देकर उसे मोहाली के सेक्टर 63 स्थित अपने घर पर बुलाया, वहां उसका यौन शोषण किया और अश्लील वीडियो बनाया। इसके बाद धमकी दी कि अगर उसने मुंह खोला तो वीडियो सोशल मीडिया पर डाल देगा।
पीड़िता की जुबानी: “7 साल की लड़ाई, 20 साल की सजा चाहिए थी”
फैसले से पहले पीड़िता ने अपनी आपबीती बयां की थी। उसने कहा, “7 साल तक मैंने अकेले ये जंग लड़ी। उस दरिंदे ने जो किया, उसके लिए कम से कम 20 साल की सजा तो बनती है। लोग अभी भी उसके बहकावे में हैं।” इस बीच, कुछ हिंदू संगठनों के लोग भी कोर्ट के बाहर पादरी की तस्वीर हाथ में लिए फांसी की मांग करते नजर आए।
7 साल तक सहा, आज मिला इंसाफ”
सजा सुनते ही पीड़िता का परिवार खुशी से झूम उठा। पीड़िता के पति ने कहा, “हमें तो 10-20 साल की सजा की उम्मीद थी, लेकिन आजीवन कारावास ने दिल को सुकून दे दिया। पिछले 7 सालों में हमने बहुत कुछ झेला, पर कोर्ट पर भरोसा था और आज वो सच साबित हुआ।
पीड़िता के वकील ने क्या कहा?
पीड़िता के वकील अनिल सागर ने कहा कि ऐसे अपराधियों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए, ताकि यह दूसरों के लिए सबक बन सके। उन्होंने कहा कि इस फैसले से बलात्कार पीड़ित महिलाओं को आगे बढ़कर न्याय के लिए लड़ने का साहस मिलेगा।
वायरल वीडियो ने खोली पोल
गिरफ्तारी के बाद एक वीडियो ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया, जिसमें बजिंदर एक महिला से मारपीट करता दिखा। 14 फरवरी का ये वीडियो 16 मार्च को वायरल हुआ था। सजा के बाद पीड़िता ने कहा, “वो साइको है। अगर बाहर आया तो फिर अपराध करेगा। इसे हमेशा जेल में रहना चाहिए।” अब इस पादरी की कहानी खत्म हो चुकी है, लेकिन सवाल बाकी है- क्या इसके शिष्य अब भी इसे ‘पापा जी’ कहेंगे?
बजिंदर सिंह पर पहले भी हैं मामले दर्ज
पिछले फरवरी में पादरी बजिंदर सिंह पर एक महिला से मारपीट का आरोप लगा था। रंजीत कौर नाम की महिला ने शिकायत की थी कि एक प्रार्थना सभा के दौरान जब उसने किसी अन्य व्यक्ति पर हो रहे हमले को रोकने की कोशिश की, तो बजिंदर सिंह ने उस पर भी हमला किया।
दिल्ली एयरपोर्ट से हुई थी बजिंदर सिंह की गिरफ्तारी
इसी मामले में बजिंदर सिंह को जुलाई 2018 में दिल्ली एयरपोर्ट से उस समय गिरफ्तार किया गया था, जब वह लंदन में एक ‘हीलिंग इवेंट’ में शामिल होने के लिए उड़ान भरने की तैयारी कर रहे थे। हालांकि, बाद में उसी साल उन्हें जमानत मिल गई थी। यह मामला कई वर्षों तक चला और हाल ही में मोहाली की कोर्ट उन्हें दोषी करार दिया।
बजिंदर सिंह कौन हैं और उनका चर्च कब शुरू हुआ?
बजिंदर सिंह हरियाणा के यमुनानगर में जन्मे एक स्वयंभू पादरी हैं, जिन्होंने जेल में ईसाई धर्म अपनाया और 2016 में ‘चर्च ऑफ ग्लोरी एंड विजडम’ नाम से अपना चर्च शुरू किया। वे दावा करते हैं कि उनकी प्रार्थनाओं से लोग ठीक हो सकते हैं।
बजिंदर सिंह को किस मामले में सजा हुई और क्या सजा मिली?
2018 में जीरकपुर की एक महिला के साथ बलात्कार के मामले में मोहाली की अदालत ने 1 अप्रैल 2025 को बजिंदर सिंह को दोषी ठहराया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। उन पर IPC की धारा 376 (बलात्कार), 323 (मारपीट), और 506 (धमकी) के तहत आरोप सिद्ध हुए।
पीड़िता ने बजिंदर सिंह पर क्या आरोप लगाए?
पीड़िता का कहना है कि बजिंदर सिंह ने विदेश यात्रा का लालच देकर उसका यौन शोषण किया, अश्लील वीडियो बनाया, और धमकी दी कि अगर उसने शिकायत की तो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर देगा।
क्या बजिंदर सिंह पर पहले भी मामले दर्ज थे?
हां, बजिंदर सिंह पर पहले भी मारपीट और अन्य अपराधों के मामले दर्ज हो चुके हैं। फरवरी में रंजीत कौर नाम की महिला ने उन पर प्रार्थना सभा में मारपीट का आरोप लगाया था, और उनकी गिरफ्तारी जुलाई 2018 में दिल्ली एयरपोर्ट से हुई थी।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान बजिंदर सिंह ने क्या कहा?
सुनवाई के दौरान बजिंदर सिंह ने छोटे बच्चों का हवाला देकर दया की गुहार लगाई, लेकिन जज ने इसे खारिज कर दिया और कहा कि धर्मगुरु होने के नाते ऐसा अपराध माफी के लायक नहीं है, जिसके बाद उन्हें उम्रकैद की सजा दी गई।
पीड़िता और उसके वकील ने सजा के बारे में क्या कहा?
पीड़िता ने कहा कि 7 साल की लड़ाई के बाद न्याय मिला और बजिंदर को हमेशा जेल में रहना चाहिए। उनके वकील अनिल सागर ने इसे एक मिसाल बताया, जो दूसरी पीड़ित महिलाओं को न्याय के लिए प्रेरित करेगा।