प्रदेश की जेलों से मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री को जान से मारने की धमकी मिलने के बाद जेलों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। अब जेल में सुरक्षा मापदंडों को पूरा करने के लिए जेल विभाग के सीनियर अधिकारी सक्रिय हो गए हैं। मंगलवार देर शाम जेल विभाग के एडीजी रुपिंदर सिंह दौसा की श्यालावास सेंट्रल जेल पहुंचे। वहां पुलिस अधीक्षक सागर राणा और अन्य अधिकारियों व जवानों के साथ मिलकर जेल में तलाशी अभियान चलाया गया, हालांकि कोई प्रतिबंधित सामग्री नहीं मिली। गौरतलब है कि 30 मार्च को सीएम को धमकी के बाद इसी जेल में एक नर्सिंगकर्मी को सिम ले जाते हुए पकड़ा गया था।
‘हार्मोनिक कॉल ब्लॉकिंग सिस्टम’ होगा लागू
जेल निरीक्षण के बाद एडीजी रुपिंदर सिंह ने दौसा में मीडिया से बातचीत में कहा कि हाल की घटनाओं में जेल या नर्सिंग स्टाफ की संलिप्तता सामने आना बेहद खेदजनक है। ऐसे लोगों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए जा रहे हैं और विभागीय कार्रवाई भी शुरू की गई है। दौसा का श्यालावास सेंट्रल जेल अभी नया है, इसलिए यहां जैमर लगाने की योजना बनाई जा रही है। साथ ही, तुरंत प्रभाव से हार्मोनिक कॉल ब्लॉकिंग सिस्टम लागू करने का फैसला लिया गया है, जिससे मोबाइल कंपनियां जेल क्षेत्र में नेटवर्क ब्लॉक कर सकें और जेल से फोन कॉल्स को रोका जा सके।
अब बिना रोक-टोक जेल के कर सकते हैं जेल में सर्च
एडीजी रुपिंदर सिंह ने बताया कि जेलों में कर्मचारियों की कमी एक बड़ी समस्या बनी हुई है। अभी कई पद खाली हैं, जिन्हें जल्द भर्ती के जरिए भरा जाएगा। तब तक होमगार्ड की मदद से मैनपावर की कमी को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हाल ही में अपराधी दूसरी जेल में शिफ्ट होने या जेल अधिकारियों से बदला लेने की भावना के चलते धमकी भरे कॉल कर रहे हैं।उन्होंने आगे कहा कि हाल ही में एक घटना में आईपीएस अधिकारी को जेल जांच के लिए प्रवेश न देने का मामला उजागर हुआ था। इसकी जांच वर्तमान में आईजी स्तर पर की जा रही है। जेल विभाग ने साफ निर्देश दिए हैं कि अगर स्थानीय पुलिस जेल में तलाशी अभियान चलाना चाहे, तो बिना किसी रोक-टोक के तुरंत अनुमति दी जाएगी।
1. **प्रदेश की जेलों से मुख्यमंत्री को धमकी क्यों मिल रही है?**
– हाल ही में अपराधियों द्वारा दूसरी जेल में शिफ्ट होने या जेल अधिकारियों से बदला लेने की भावना के चलते मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री को धमकी भरे कॉल किए जा रहे हैं।
2. **जेल विभाग ने धमकियों के बाद क्या कदम उठाए हैं?**
– जेल विभाग ने सुरक्षा बढ़ाने के लिए तलाशी अभियान चलाया, हार्मोनिक कॉल ब्लॉकिंग सिस्टम लागू करने का फैसला लिया, और जैमर लगाने की योजना बनाई है।
3. **हार्मोनिक कॉल ब्लॉकिंग सिस्टम क्या है और यह कैसे काम करेगा?**
– यह एक तकनीक है जो जेल क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क को ब्लॉक करेगी, ताकि अपराधी फोन कॉल न कर सकें। इसे मोबाइल कंपनियों के सहयोग से लागू किया जाएगा।
4. **दौसा की श्यालावास सेंट्रल जेल में क्या हुआ था?**
– 30 मार्च को एक नर्सिंगकर्मी को जेल में सिम ले जाते पकड़ा गया था, और मंगलवार को एडीजी रुपिंदर सिंह ने वहां तलाशी अभियान चलाया, हालांकि कोई प्रतिबंधित सामग्री नहीं मिली।
5. **जेलों में स्टाफ की कमी को कैसे पूरा किया जा रहा है?**
– अभी खाली पदों को जल्द भर्ती से भरा जाएगा, और तब तक होमगार्ड की मदद से मैनपावर की कमी को पूरा किया जा रहा है।
6. **आईपीएस अधिकारी को जेल जांच से रोकने का मामला क्या था?**
– हाल ही में आईपीएस अधिकारी हेमंत कलाल को जोधपुर सेंट्रल जेल में तलाशी करने से रोका गया था, जिसकी जांच अब आईजी स्तर पर चल रही है। इसके बाद जेल विभाग ने स्थानीय पुलिस को बिना रोक-टोक तलाशी की अनुमति देने का निर्देश दिया।