राजस्थान के एक युवा आईपीएस इन दिनों चर्चा में बने हुए हैं। चर्चा की वजह यह है कि उन्होंने जोधपुर सेंट्रल जेल प्रशासन की पोल खोलकर रख दी।युवा आईपीएस अपनी टीम के साथ जोधपुर सेंट्रल जेल का अचानक निरीक्षण करने पहुंचे थे, लेकिन जेल के मुख्य द्वार पर तैनात इंस्पेक्टर ने उन्हें और उनकी टीम को अंदर जाने की इजाजत नहीं दी। हैरत की बात यह है कि आईपीएस की टीम के साथ एक एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट भी मौजूद थे, इसके बावजूद इंस्पेक्टर ने यह कहते हुए जेल में प्रवेश देने से इनकार कर किया कि जेल एसपी मौके पर नहीं है। युवा आईपीएस हेमंत कलाल ने जोधपुर पुलिस कमिश्नर और अन्य सीनियर अधिकारियों को इसकी शिकायत भेजी है। उनका आरोप है कि जेल प्रशासन का यह रवैया मिलीभगत की ओर इशारा कर रहा है।, और उन्होंने इस मामले की गंभीर जांच की मांग की है।
सामान्य परिवार से हैं आईपीएस हेमंत कलाल
जोधपुर सेंट्रल जेल प्रशासन की खामियों को उजागर करने वाले युवा आईपीएस का नाम हेमंत कलाल है। वे राजस्थान के डूंगरपुर जिले के दामड़ी गांव से आते हैं और एक साधारण परिवार से संबंध रखते हैं। उनके पिता मोहनलाल कलाल एक किराने के व्यापारी हैं, जबकि मां सीता देवी घर संभालती हैं। हेमंत ने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव के नूतन पब्लिक स्कूल में की, फिर सातवीं कक्षा में उदयपुर के गुरु नानक स्कूल में दाखिला लिया। स्कूल और कॉलेज में उनकी पढ़ाई औसत रही, लेकिन बाद में उन्होंने देश की सबसे कठिन यूपीएससी परीक्षा को पास करने का लक्ष्य बनाया। अपने दृढ़ संकल्प से हेमंत ने यह कर दिखाया और 371वीं रैंक हासिल कर राजस्थान कैडर में आईपीएस के लिए चुने गए।
गुरु की प्रेरणा से पहुंचे शिखर तक
आईपीएस हेमंत कलाल 2021 बैच के अधिकारी हैं। लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में ट्रेनिंग पूरा करने के बाद वे हाल ही में राजस्थान आए हैं। अभी वे अंडर ट्रेनी हैं और जोधपुर पुलिस आयुक्तालय में सहायक पुलिस कमिश्नर (ईस्ट) की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। हेमंत बताते हैं कि वे कभी टॉपर नहीं रहे, लेकिन कॉलेज के दिनों में गुरु महंत स्वामी से बड़ा अफसर बनने की प्रेरणा मिली। इसके बाद उन्होंने पूरी लगन से यूपीएससी की तैयारी की। गांधीनगर अक्षरधाम के प्रोफेसर जनक दवे, डॉ. ऊषा किरण और त्रिवेंद्रम के महेश सर के मार्गदर्शन से वे यूपीएससी पास करने में सफल रहे। हेमंत का कहना है कि उन्होंने पुलिस सेवा इसलिए चुनी, ताकि वे लोगों से सीधे जुड़ सकें और उनकी तुरंत मदद कर सकें।
शतरंज में चमके, हैंडबॉल में बने कप्तान
लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में ट्रेनिंग के दौरान हेमंत ने कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। वहां आयोजित शतरंज टूर्नामेंट में उन्होंने गोल्ड मेडल हासिल किया। कॉलेज के दिनों से ही वे शतरंज खेलते थे और जिला व राज्य स्तर पर कई मेडल जीते। इसके अलावा, सरदार वल्लभभाई पटेल नेशनल पुलिस अकादमी में वे हैंडबॉल टीम के कप्तान रहे, और उनकी टीम ने विजेता का खिताब अपने नाम किया।
हेमंत कलाल और जोधपुर सेंट्रल जेल विवाद से संबंधित FAQs
- जोधपुर सेंट्रल जेल में हेमंत कलाल को प्रवेश क्यों नहीं दिया गया?
युवा आईपीएस हेमंत कलाल अपनी टीम और एक एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के साथ जोधपुर सेंट्रल जेल का अचानक निरीक्षण करने पहुंचे थे, लेकिन जेल के मुख्य द्वार पर तैनात इंस्पेक्टर ने उन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं दी। इंस्पेक्टर का कहना था कि जेल एसपी मौके पर मौजूद नहीं थे। - हेमंत कलाल ने जेल प्रशासन के खिलाफ क्या आरोप लगाए हैं?
हेमंत कलाल ने आरोप लगाया कि जेल प्रशासन का यह रवैया मिलीभगत की ओर इशारा करता है। उन्होंने जोधपुर पुलिस कमिश्नर और सीनियर अधिकारियों को शिकायत भेजकर मामले की गहन जांच की मांग की है। - हेमंत कलाल कौन हैं और उनका बैकग्राउंड क्या है?
हेमंत कलाल 2021 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं, जो राजस्थान के डूंगरपुर जिले के दामड़ी गांव से आते हैं। वे एक साधारण परिवार से हैं—उनके पिता किराने के व्यापारी और मां गृहिणी हैं। उन्होंने यूपीएससी में 371वीं रैंक हासिल की और वर्तमान में जोधपुर में सहायक पुलिस कमिश्नर (ईस्ट) के पद पर अंडर ट्रेनी हैं। - हेमंत कलाल ने आईपीएस बनने के लिए क्या प्रेरणा ली और उनकी तैयारी कैसे हुई?
हेमंत को कॉलेज के दिनों में गुरु महंत स्वामी से बड़ा अफसर बनने की प्रेरणा मिली। गांधीनगर अक्षरधाम के प्रोफेसर जनक दवे, डॉ. ऊषा किरण और त्रिवेंद्रम के महेश सर के मार्गदर्शन से उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की और सफलता हासिल की। उनका लक्ष्य लोगों से जुड़कर उनकी मदद करना था। - हेमंत कलाल की उपलब्धियां क्या रही हैं?
हेमंत ने लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में शतरंज टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीता। कॉलेज में वे जिला और राज्य स्तर पर शतरंज में मेडल विजेता रहे। इसके अलावा, सरदार वल्लभभाई पटेल नेशनल पुलिस अकादमी में उनकी हैंडबॉल टीम ने विजेता का खिताब हासिल किया, जिसमें वे कप्तान थे। - जोधपुर सेंट्रल जेल विवाद के बाद हेमंत कलाल ने क्या कदम उठाया?
जेल प्रशासन द्वारा प्रवेश से इनकार किए जाने के बाद हेमंत कलाल ने जोधपुर पुलिस कमिश्नर और अन्य सीनियर अधिकारियों को शिकायत भेजी। उन्होंने जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए इस मामले की गंभीर जांच की मांग की है।