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ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान में 100 किमी तक घुसकर 25 मिनट में 9 आतंकी ठिकाने तबाह

भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकियों के ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया। इस ऑपरेशन की जानकारी देने के लिए सरकार और सेना ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें कर्नल...

Indian Army Colonel Sofia Qureshi and Wing Commander Vyomika Singh addressing Operation

भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकियों के ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया। इस ऑपरेशन की जानकारी देने के लिए सरकार और सेना ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह शामिल थीं। उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन रात 1:05 बजे से 1:30 बजे के बीच सिर्फ 25 मिनट में पूरा हुआ। सेना ने पाकिस्तान की सीमा के 100 किलोमीटर अंदर तक मिसाइलों से हमला किया और 9 आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया। इनमें से 5 ठिकाने पीओके में और 4 पाकिस्तान में थे।

आतंकियों के ठिकानों पर सटीक हमला

कर्नल सोफिया कुरैशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीओके के आतंकी कैंपों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि मुजफ्फराबाद का शवाई नाला कैंप लश्कर-ए-तैयबा का बड़ा ठिकाना था। इस कैंप में उन आतंकियों को ट्रेनिंग दी गई, जिन्होंने 20 अक्टूबर 2024 को सोनमर्ग, 24 अक्टूबर 2024 को गुलमर्ग और 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हमले किए। इसके अलावा, मुजफ्फराबाद में जैश-ए-मोहम्मद का सैयदना बिलाल कैंप भी निशाने पर था, जहां हथियार, बारूद और ट्रेनिंग दी जाती थी।

नियंत्रण रेखा (एलओसी) से 30 किलोमीटर दूर कोटली का गुलपुर कैंप भी तबाह किया गया। यह कैंप 20 अप्रैल 2023 के पुंछ हमले और 9 जून 2024 के तीर्थयात्री बस हमले में शामिल लश्कर आतंकियों का अड्डा था। भिमबेर का बरनाला कैंप, जो हथियारों और विस्फोटकों की सप्लाई का केंद्र था, उसे भी खत्म कर दिया गया। साथ ही, कोटली में एक और कैंप, जहां 15 फिदायीन आतंकियों को तैयार किया जाता था, उसे भी पूरी तरह तबाह कर दिया गया।

खुफिया जानकारी के आधार पर कार्रवाई

प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने की। उन्होंने संसद हमले, मुंबई हमले, पुलवामा हमले और हाल के पहलगाम हमले के वीडियो दिखाए। कर्नल कुरैशी और विंग कमांडर सिंह ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर का मकसद 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए भयानक आतंकी हमले के पीड़ितों को इंसाफ दिलाना था। इस हमले में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने पर्यटकों पर क्रूर हमला किया, जिसमें 25 भारतीय और एक विदेशी नागरिक की जान गई। यह मुंबई हमले के बाद आम लोगों पर हुआ सबसे बड़ा आतंकी हमला था।

ऑपरेशन के लिए 9 आतंकी ठिकानों को खुफिया जानकारी के आधार पर चुना गया। ये ठिकाने आतंकियों के लिए लॉन्च पैड की तरह काम करते थे। हमले के दौरान यह ध्यान रखा गया कि आम लोगों और रिहाइशी इलाकों को कोई नुकसान न हो।

पहलगाम हमला: पाकिस्तान की साजिश

विक्रम मिस्री ने बताया कि पहलगाम हमले में आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया और उनके परिवारों के सामने गोली मारकर बर्बरता दिखाई। इस हमले का मकसद जम्मू-कश्मीर में टूरिज्म को नुकसान पहुंचाना और सांप्रदायिक तनाव फैलाना था। पिछले साल इस इलाके में 75 लाख टूरिस्ट्स आए थे, और आतंकियों का इरादा इस तरक्की को रोकना था। हमले की जिम्मेदारी रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली, जो लश्कर-ए-तैयबा का ही हिस्सा है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र को इस संगठन के बारे में पहले ही जानकारी दी थी।

पाकिस्तान: आतंकियों का सुरक्षित ठिकाना

मिस्री ने कहा कि पहलगाम हमला पाकिस्तान के सीमा पार आतंकवाद के लंबे इतिहास का हिस्सा है। पाकिस्तान कई सालों से आतंकियों को पनाह देता रहा है। उदाहरण के लिए, मुंबई हमले का गुनहगार साजिद मीर को पाकिस्तान ने मृत घोषित कर दिया था, लेकिन अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद वह जिंदा मिला। पहलगाम हमले के बाद पूरे भारत में गुस्सा देखा गया। पाकिस्तान ने इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जिसके बाद भारत को यह कार्रवाई करनी पड़ी।

भारत का जवाब: सटीक और संतुलित

विदेश सचिव ने साफ किया कि ऑपरेशन सिंदूर एक सोची-समझी और संतुलित कार्रवाई थी, जिसका मकसद आतंकियों को नाकाम करना था। यह कार्रवाई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के उस बयान के मुताबिक थी, जिसमें आतंक के प्रायोजकों को सजा देने की बात कही गई थी। भारत ने अपने अधिकार का इस्तेमाल कर सीमा पार आतंकी हमलों को रोकने के लिए यह कदम उठाया।

नतीजा

‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की आतंकवाद के खिलाफ सख्त नीति को दर्शाता है। इस कार्रवाई ने न सिर्फ आतंकी ठिकानों को तबाह किया, बल्कि यह भी दिखाया कि भारत अपनी सुरक्षा और नागरिकों की हिफाजत के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। इस ऑपरेशन ने पाकिस्तान को साफ संदेश दिया कि आतंकवाद को बढ़ावा देने की उसकी हरकतें अब बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।

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