• होम /
  • टेक /
  • वोडाफोन आइडिया की मुश्किलें: क्या 2026 में बंद हो जाएगी कंपनी? 20 करोड़ यूजर्स पर संकट!

वोडाफोन आइडिया की मुश्किलें: क्या 2026 में बंद हो जाएगी कंपनी? 20 करोड़ यूजर्स पर संकट!

वोडाफोन आइडिया की मुश्किलें: वोडाफोन आइडिया (Vi) भारत की तीसरी सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी है, लेकिन आज यह अपने सबसे बड़े फाइनेंसियल क्राइसिस से गुजर रही है। 17 अप्रैल 2025 को Vi ने दूरसंचार विभाग (DoT) को पत्र लिखकर तत्काल...

वोडाफोन आइडिया की मुश्किलें: कंपनी बंद होने का खतरा, 20 करोड़ यूजर्स प्रभावित

वोडाफोन आइडिया की मुश्किलें: वोडाफोन आइडिया (Vi) भारत की तीसरी सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी है, लेकिन आज यह अपने सबसे बड़े फाइनेंसियल क्राइसिस से गुजर रही है। 17 अप्रैल 2025 को Vi ने दूरसंचार विभाग (DoT) को पत्र लिखकर तत्काल मदद मांगी और चेतावनी दी कि अगर सहायता नहीं मिली, तो कंपनी कंट्रोल से बाहर हो जाएगी। बड़ा सवाल यह है कि क्या Vi को 2026 तक बंद करना पड़ेगा? और इसका 20 करोड़ यूजर्स पर क्या असर होगा? आइए, Vi के संकट, AGR विवाद, सुप्रीम कोर्ट के फैसले, और टेलिकॉम सेक्टर पर इसके प्रभाव को समझते हैं।

वोडाफोन आइडिया की मुश्किलें: क्या है माजरा?

वोडाफोन आइडिया कई सालों से पैसे की तंगी से जूझ रही है। 2025 में यह संकट और गहरा हो गया है। कंपनी पर ₹2.1 लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज है, जिसमें AGR (Adjusted Gross Revenue) बकाया, स्पेक्ट्रम पेमेंट, और बैंक लोन शामिल हैं। 19 मई 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने Vi की AGR बकाया माफी की याचिका ठुकरा दी, जिससे कंपनी को बड़ा झटका लगा। ₹30,000 करोड़ का AGR बकाया चुकाना Vi के लिए बहुत मुश्किल हो रहा है।

Vi ने DoT को पत्र में कहा कि अगर सरकार तुरंत मदद नहीं करती, तो 2026 के बाद कंपनी चलाना नामुमकिन हो जाएगा। ऐसा हुआ, तो 20 करोड़ यूजर्स को जियो, एयरटेल, या BSNL में अपने नंबर पोर्ट करने पड़ेंगे। इससे भारत का टेलिकॉम मार्केट सिर्फ जियो और एयरटेल के हवाले हो सकता है, जिसे डुओपॉली कहते हैं।

AGR विवाद: आखिर है क्या?

AGR यानी Adjusted Gross Revenue का मतलब है टेलिकॉम कंपनियों की कुल कमाई। सरकार कहती है कि इसमें सिर्फ टेलिकॉम सर्विसेज की कमाई ही नहीं, बल्कि किराया, डिविडेंड, और प्रॉपर्टी बिक्री जैसी दूसरी आय भी शामिल होनी चाहिए। टेलिकॉम कंपनियां इससे सहमत नहीं हैं, क्योंकि इससे उनकी लाइसेंस फीस (8%) और स्पेक्ट्रम शुल्क (3-5%) बढ़ जाता है।

2019 में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के पक्ष में फैसला दिया, जिसके बाद Vi पर ₹70,320 करोड़ का AGR बकाया बन गया। इसमें से ₹30,000 करोड़ तुरंत चुकाने हैं। जियो इस संकट से बची, क्योंकि इसने 2016 में शुरुआत की और बकाया चुका दिया। BSNL सरकारी कंपनी है, इसलिए इसे राहत मिली। 2020 में सरकार ने Vi को 10 साल का समय दिया, लेकिन 2025 में यह राहत खत्म हो रही है, और Vi के पास पैसे नहीं हैं।

20 करोड़ यूजर्स पर क्या होगा असर?

Vi के पास 20.47 करोड़ यूजर्स हैं (TRAI, मार्च 2025), जो भारत के टेलिकॉम मार्केट का 17.85% हिस्सा है। अगर Vi AGR बकाया नहीं चुका पाती और नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में दिवालिया प्रोसेस शुरू होती है, तो:

  1. नंबर पोर्टिंग की परेशानी: यूजर्स को जियो, एयरटेल, या BSNL में नंबर पोर्ट करना होगा, जिसमें समय और मुश्किलें होंगी।
  2. महंगे टैरिफ: जियो (48% मार्केट शेयर) और एयरटेल (33%) का दबदबा बढ़ेगा, जिससे प्राइस वॉर खत्म हो सकता है और प्लान्स महंगे हो सकते हैं।
  3. सर्विस की गुणवत्ता: कम कम्पटीशन से नेटवर्क क्वालिटी और कस्टमर सर्विस पर असर पड़ सकता है।
  4. गांवों में इंटरनेट: Vi का 4G नेटवर्क उत्तर प्रदेश, बिहार, और मध्य प्रदेश जैसे ग्रामीण इलाकों में मजबूत है। इसका बंद होना डिजिटल इंडिया के लिए झटका होगा।

TRAI की 2024 रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में टेलिकॉम टैरिफ पहले ही 20% बढ़ चुके हैं। Vi के बंद होने से जियो और एयरटेल की मनमानी बढ़ सकती है, जिससे कस्टमर्स को नुकसान होगा।

Vi क्या कर रही है?

Vi ने सरकार से ये मांगें रखी हैं:

  1. AGR में राहत: ₹30,000 करोड़ बकाया माफ करें या किश्तों में चुकाने की छूट दें।
  2. स्पेक्ट्रम पेमेंट टालें: 2026 तक स्पेक्ट्रम भुगतान पर रोक।
  3. पैसे की मदद: ₹10,000-15,000 करोड़ का फंड या बैंक लोन में सहायता।

अप्रैल 2025 में Vi ने ₹2,000 करोड़ का FPO (फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर) लॉन्च किया, लेकिन यह काफी नहीं है। कंपनी को 4G नेटवर्क बढ़ाने और 5G शुरू करने के लिए ₹50,000 करोड़ चाहिए। 2024 में वोडाफोन ग्रुप और आदित्य बिड़ला ग्रुप ने ₹18,000 करोड़ का इन्वेस्ट किया, लेकिन कर्ज और ब्याज का बोझ कम नहीं हुआ।

सुप्रीम कोर्ट का झटका: याचिका क्यों खारिज?

19 मई 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने Vi की AGR बकाया माफी की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि 2019 का फैसला अंतिम है, और AGR गणना में कोई बदलाव नहीं होगा। Vi ने दावा किया कि गणना में गलतियां थीं, लेकिन कोर्ट ने इसे देर से दाखिल याचिका माना। 2021 में Vi ने ₹7,854 करोड़ का आंशिक भुगतान किया, लेकिन बाकी राशि चुकाने में असमर्थ है। 2025 में ₹10,000 करोड़ का ब्याज और बढ़ गया है।

सरकार क्या कर सकती है?

सरकार के पास Vi को बचाने के लिए कई रास्ते हैं:

  1. AGR राहत: ₹30,000 करोड़ बकाया माफ करें या 20 साल की किश्तों में चुकाने की अनुमति दें।
  2. इक्विटी बढ़ाएं: 2021 में सरकार ने Vi के ₹16,000 करोड़ बकाए को 33% हिस्सेदारी में बदला था। इसे 50% तक बढ़ाया जा सकता है।
  3. स्पेक्ट्रम छूट: 2026 तक पेमेंट टालें।
  4. BSNL की मदद: स्पेक्ट्रम शेयरिंग या नेटवर्क सपोर्ट

2024 में टेलिकॉम मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार Vi को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है, क्योंकि जियो, एयरटेल, और Vi का त्रिकोण टेलिकॉम मार्केट के लिए जरूरी है। DoT और TRAI Vi के प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं, और जून 2025 तक फैसला हो सकता है।

टेलिकॉम सेक्टर पर क्या असर?

Vi का संकट सिर्फ एक कंपनी की बात नहीं। यह टेलिकॉम सेक्टर, कम्पटीशन, और डिजिटल इंडिया पर असर डालेगा:

  1. डुओपॉली का खतरा: जियो और एयरटेल का 81% मार्केट शेयर और बढ़ेगा, जिससे टैरिफ बढ़ सकते हैं।
  2. गांवों में कनेक्टिविटी: Vi का 4G ग्रामीण इलाकों में मजबूत है। इसका बंद होना डिजिटल डिवाइड बढ़ाएगा।
  3. नौकरियां: Vi के 8,000 कर्मचारी और लाखों अप्रत्यक्ष रोजगार खतरे में हैं।
  4. इन्वेस्ट: विदेशी इन्वेस्टर्स का टेलिकॉम सेक्टर में भरोसा कम हो सकता है।

2025 में 5G और डिजिटल इंडिया के लिए Vi की जरूरत है। Vi के बंद होने से BSNL पर दबाव बढ़ेगा, जो अभी 4G और 5G में पीछे है।

अंत में

वोडाफोन आइडिया 2025 में ₹2.1 लाख करोड़ कर्ज और ₹30,000 करोड़ AGR बकाए के संकट में है। सुप्रीम कोर्ट का 19 मई 2025 का फैसला और पैसों की कमी कंपनी को 2026 तक बंद करा सकती है। 20 करोड़ यूजर्स, टेलिकॉम प्रतिस्पर्धा, और डिजिटल समावेशन पर इसका बड़ा असर होगा। सरकार और DoT का अगला कदम अहम है। क्या आप Vi यूजर हैं? क्या आप नंबर पोर्ट करेंगे? अपनी राय कमेंट में शेयर करें

RELATED STORIES

Latest news