RBI का बड़ा फैसला : क्या आप भी ATM से सिर्फ 500 या 2000 रुपये के बड़े नोट निकलने से परेशान हैं? अगर हां, तो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आपके लिए एक बड़ी राहत की खबर दी है। RBI ने बैंकों और ATM ऑपरेटरों को आदेश दिया है कि हर ATM में कम से कम एक कैसेट से ₹100 और ₹200के नोट निकलने चाहिए। इस फैसले से छोटे लेन-देन के लिए नोटों की कमी की समस्या खत्म होगी। आइए, इस नए नियम, इसके फायदों, और RBI की डेडलाइन को समझते हैं।
RBI का नया नियम क्या है?
RBI ने 28 अप्रैल को एक नोटिफिकेशन जारी किया, जिसमें बैंकों और व्हाइट लेबल ATM ऑपरेटरों (जैसे India1, Hitachi) को निर्देश दिया गया कि वे अपने ATM में ₹100 और ₹200 के नोट डेली रूप से अवेलेबल कराएं। आम तौर पर एक ATM में चार कैसेट होते हैं, जिनमें अलग-अलग मूल्य के नोट भरे जाते हैं। अब हर ATM में कम से कम एक कैसेट ₹100 या ₹200 के नोटों के लिए रिजर्व होगी। RBI के मासिक बुलेटिन के अनुसार, 31 मार्च 2025 तक भारत में 2.20 लाख बैंक ATM और 36,000 व्हाइट लेबल ATM थे। इस फैसले से सभी ATM में छोटे नोटों की अवेलेबिलिटी बढ़ेगी।
आम लोगों को कैसे मिलेगी राहत?
RBI का यह फैसला छोटे लेन-देन करने वाले लोगों के लिए वरदान है। अक्सर दुकानदार, ऑटो चालक, या छोटे कारोबारी 500 या 2000 रुपये के नोटों के लिए छुट्टे की कमी की शिकायत करते हैं। अब ATM से ₹100 और ₹200 के नोट आसानी से मिलने से ये दिक्कत कम होगी। बैंकिंग एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह कदम नकद लेन-देन को और सुविधाजनक बनाएगा। खासकर ग्रामीण और छोटे शहरों में, जहां UPI जैसे डिजिटल पेमेंट्स कम यूज होते हैं, वहां यह नियम बहुत फायदेमंद होगा। साथ ही, बाजार में छोटे नोटों की सर्कुलेशन बढ़ने से अर्थव्यवस्था को भी सपोर्ट मिलेगा।
RBI की डेडलाइन और नियम
RBI ने बैंकों और ATM ऑपरेटरों के लिए सख्त डेडलाइन तय की है:
- 30 सितंबर 2025 तक: कम से कम 75% ATM में एक कैसेट से ₹100 या ₹200 के नोट निकलने चाहिए।
- 31 मार्च 2026 तक: 90% ATM में यह सुविधा अनिवार्य होगी। इसके साथ ही, ATM में ₹500 के नोट भी अवेलेबल रहेंगे, ताकि यूजर्स को बड़े और छोटे दोनों मूल्य के नोट मिल सकें। RBI ने यह भी कहा कि बैंकों को अपने ATM कैसेट्स की री-कॉन्फिगरेशन और नोटों की सप्लाई सुनिश्चित करनी होगी।
छोटे नोटों की जरूरत क्यों?
भारत में नकद लेन-देन अभी भी बहुत आम है। RBI के डेटा के मुताबिक, 31 मार्च 2025 तक सर्कुलेशन में ₹100 के 3.6 बिलियन नोट और ₹200 के 2.8 बिलियन नोट थे। लेकिन ATM में ज्यादातर ₹500 और ₹2000 के नोट ही मिलते हैं, जिससे छोटे लेन-देन में दिक्कत होती है। RBI का यह फैसला छोटे नोटों की अवेलेबिलिटी बढ़ाकर इस समस्या को हल करेगा। इससे दुकानदारों, ट्रांसपोर्ट वालों, और आम लोगों को छुट्टे की टेंशन से राहत मिलेगी।
बैंकों और ATM ऑपरेटरों की जिम्मेदारी
RBI ने बैंकों और व्हाइट लेबल ATM ऑपरेटरों को साफ निर्देश दिए हैं कि वे ATM में नोटों की लोडिंग और मेंटेनेंस पर ध्यान दें। कई बार ATM में नोट खत्म होने या सिर्फ बड़े नोट अवेलेबल होने की शिकायतें आती हैं। अब बैंकों को अपने सॉफ्टवेयर और कैसेट कॉन्फिगरेशन में बदलाव करना होगा, ताकि छोटे नोट नियमित रूप से निकलें। RBI इसकी निगरानी भी करेगा, और गाइडलाइंस का पालन न करने वाले बैंकों पर कार्रवाई हो सकती है।
क्या होगा भविष्य में?
RBI का यह कदम नकदी-आधारित अर्थव्यवस्था को सपोर्ट करने के साथ-साथ डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने की दिशा में भी है। छोटे नोटों की अवेलेबिलिटी बढ़ने से लोग जरूरी लेन-देन आसानी से कर सकेंगे। साथ ही, यह नियम ग्रामीण क्षेत्रों में ATM की उपयोगिता बढ़ाएगा, जहां लोग अभी भी नकदी पर ज्यादा डिपेंड हैं। भविष्य में RBI छोटे नोटों की सप्लाई और ATM नेटवर्क को और बेहतर करने की योजना बना सकता है।
अंत में
RBI का ₹100 और ₹200 के नोटों को ATM में अनिवार्य करने का फैसला आम लोगों के लिए बड़ी राहत है। अब छोटे लेन-देन के लिए छुट्टे की टेंशन खत्म होगी। 30 सितंबर 2025 तक 75% और मार्च 2026 तक 90% ATM में यह सुविधा शुरू हो जाएगी। अगर आप भी छोटे नोटों की कमी से परेशान हैं, तो RBI का यह कदम आपके लिए खुशखबरी है। अगली बार ATM जाएं, तो ₹100-₹200 के नोट आसानी से पाएं और बेफिक्र होकर लेन-देन करें।