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ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया, जानें कहां-कहां हुई एयर स्ट्राइक

पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेते हुए भारतीय सेना ने 6-7 मई 2025 की रात पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत जबरदस्त एयर स्ट्राइक की। इस कार्रवाई ने पाकिस्तान में हड़कंप मचा दिया।...

ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने पहलगाम हमले का बदला लेते हुए पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की

पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेते हुए भारतीय सेना ने 6-7 मई 2025 की रात पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत जबरदस्त एयर स्ट्राइक की। इस कार्रवाई ने पाकिस्तान में हड़कंप मचा दिया। भारतीय सेना ने जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों के 9 ठिकानों को निशाना बनाया। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, के जवाब में यह ऑपरेशन शुरू किया गया। आइए जानते हैं कि भारत ने किन-किन जगहों पर हमले किए, ऑपरेशन क्यों जरूरी था और हमले के बाद नेताओं का क्या रिएक्शन रहा?

ऑपरेशन सिंदूर: कहां-कहां हुए हमले?

भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया। इनमें से 4 ठिकाने पाकिस्तान में और 5 PoK में थे। रक्षा मंत्रालय और भारतीय वायुसेना ने सटीक मिसाइलों और ड्रोन्स का इस्तेमाल कर इन ठिकानों को तबाह किया। हमले की जगहों की लिस्ट इस प्रकार है:

 

  • पाकिस्तान:
    1. मरकज़ सुभान अल्लाह, बहावलपुर: जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय, जहां 2019 के पुलवामा हमले की साजिश रची गई थी। यह अंतरराष्ट्रीय सीमा से 100 किमी दूर है।
    2. मरकज़ तैयबा, मुरीदके: लश्कर-ए-तैयबा का प्रशिक्षण केंद्र, जो 26/11 मुंबई हमले से जुड़ा था। यह सीमा से 30 किमी दूर है।
    3. सरजाल, तेहरा कलां: जैश का लॉन्चिंग स्थल, जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के लिए इस्तेमाल होता था। यह सीमा से 8 किमी दूर है।
    4. महमूना जोया, सियालकोट: हिजबुल मुजाहिदीन का प्रशिक्षण शिविर, सीमा से 15 किमी दूर।
  • पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK):
    1. मरकज़ अहले हदीस, बरनाला: लश्कर-ए-तैयबा का शिविर।
    2. मरकज़ अब्बास, कोटली: जैश का प्रशिक्षण केंद्र।
    3. मस्कर राहील शाहिद, कोटली: जैश का शिविर।
    4. शावई नाला कैंप, मुजफ्फराबाद: लश्कर-ए-तैयबा का प्रशिक्षण केंद्र।
    5. मरकज़ सैयदना बिलाल, मुजफ्फराबाद: जैश का शिविर।

 

ऑपरेशन क्यों था जरूरी?

‘ऑपरेशन सिंदूर’ 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें आतंकियों ने चुन-चुनकर हिंदुओं को निशाना बनाया था। इस हमले में 26 लोग मारे गए और कई घायल हुए थे। भारत ने इसे आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा बताते हुए सटीक और गैर-उत्तेजक कार्रवाई की। रक्षा मंत्रालय ने साफ किया कि किसी भी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया, ताकि युद्ध की स्थिति न बने।

हमले में 90 से ज्यादा आतंकी मारे गए, जिनमें जैश और लश्कर के कई टॉप कमांडर शामिल थे। खुफिया एजेंसी RAW ने इन ठिकानों की सटीक जानकारी दी थी। मिराज 2000 और सुखोई 30 MKI जैसे फाइटर जेट्स ने रात 1:05 बजे से 25 मिनट तक हमले किए।

पाकिस्तान का रिएक्शन क्या रहा?

ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया। पाकिस्तानी सेना ने पहले हमले से इनकार किया, लेकिन बाद में चार जगहों पर हमले की बात मानी। लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने इसे “कायराना हमला” बताया और कहा कि पाकिस्तान अपने समय और जगह पर जवाब देगा। पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया कि हमले में 26 लोग मारे गए और 35 घायल हुए, जिनमें नागरिक भी शामिल थे। हालांकि, भारत ने साफ किया कि केवल आतंकी ठिकाने निशाना बने।

पाकिस्तानी सेना ने जवाब में जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गोलाबारी की, जिसमें तीन नागरिक मारे गए। भारतीय सेना ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया।

नेताओं का रिएक्शन क्या रहा?

भारत के नेताओं ने ऑपरेशन सिंदूर की जमकर तारीफ की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, “भारत माता की जय।” कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “हमें अपने सशस्त्र बलों पर गर्व है। पहलगाम हमले के बाद से कांग्रेस आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के लिए सरकार के साथ थी।” लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने लिखा, “जय हिंद!” उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा, और अन्य नेताओं ने भी सेना की सराहना की।

कैसे पड़ा ऑपरेशन का नाम सिंदूर?

पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को कड़ा जवाब देने की चेतावनी दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन का नाम ‘सिंदूर’ रखा, जो सुहाग की निशानी है, क्योंकि हमले में कई महिलाएं विधवा हुई थीं। यह कार्रवाई 2001 संसद हमले, 2019 पुलवामा हमले, और अन्य आतंकी घटनाओं का हिसाब चुकाने का हिस्सा थी।

क्या करें नागरिक?

  • जागरूक रहें: 7 मई की मॉक ड्रिल में हिस्सा लें और स्थानीय प्रशासन की सूचनाएं फॉलो करें।
  • आपातकालीन किट: पानी, सूखा खाना, टॉर्च, और फर्स्ट-एड किट तैयार रखें।
  • अफवाहों से बचें: केवल सरकारी और भरोसेमंद सोर्स से जानकारी लें।

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