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पहलगाम हमले के बाद भारत का सख्त फैसला: सार्क वीजा छूट खत्म, सीमा हैदर पर क्या होगा असर?

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 28 पर्यटकों की मौत के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए सार्क वीजा छूट नीति के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को दी जाने वाली सुविधा को खत्म कर...

पहलगाम हमले के बाद भारत का सख्त फैसला: सार्क वीजा छूट खत्म, सीमा हैदर पर क्या होगा असर?

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 28 पर्यटकों की मौत के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए सार्क वीजा छूट नीति के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को दी जाने वाली सुविधा को खत्म कर दिया है।

अब पाकिस्तानी नागरिक इस छूट के तहत भारत की यात्रा नहीं कर सकेंगे। साथ ही, जो पाकिस्तानी नागरिक इस सुविधा के तहत पहले से भारत में हैं, उन्हें एक हफ्ते के अंदर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है। इस फैसले के बाद सीमा हैदर फिर से चर्चा में आ गई हैं। पाकिस्तान की रहने वाली सीमा हैदर मई 2023 में नेपाल के रास्ते अवैध रूप से भारत आई थीं। सोशल मीडिया पर लोगों ने उन्हें वापस पाकिस्तान भेजने की मांग शुरू कर दी है।

सीमा हैदर की कहानी

सीमा हैदर की कहानी पहले भी सोशल मीडिया और न्यूज चैनलों में सुर्खियां बटोर चुकी है। मई 2023 में सीमा ने नेपाल के रास्ते अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया था। वह ऑनलाइन गेम PUBG के जरिए ग्रेटर नोएडा के सचिन मीणा से मिली थीं, और दोनों को प्यार हो गया था। इसके बाद सीमा अपने चार बच्चों के साथ भारत आ गईं। अब वह सचिन के साथ नोएडा में रह रही हैं, और हाल ही में दोनों का एक बच्चा भी हुआ है। 

सीमा हैदर पर क्या असर होगा?

सरकार के इस नए फैसले के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या इसका असर सीमा हैदर पर पड़ेगा। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस फैसले का सीमा पर सीधा प्रभाव नहीं पड़ेगा। सीमा वीजा के जरिए भारत नहीं आई थीं, बल्कि अवैध रूप से सीमा पार कर आई थीं। उनके खिलाफ मामला अभी कोर्ट में चल रहा है, और जब तक कोर्ट कोई फैसला नहीं देता, उन्हें देश से निकाला नहीं जा सकता। जेवर कोतवाली पुलिस इस मामले की जांच कर रही है, और केंद्र सरकार से कानूनी राय भी ली जा रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए कानूनी प्रक्रिया के बाद ही कोई कदम उठाया जाएगा।

पहलगाम हमले का खौफनाक मंजर 

पहलगाम हमले ने 2019 के पुलवामा हमले की यादें ताजा कर दीं, जिसमें CRPF के 40 जवान शहीद हुए थे। बेसरन घाटी, जिसे ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ कहा जाता है, में मंगलवार दोपहर आतंकियों ने 40 मिनट तक गोलियां बरसाईं। आतंकियों ने पहले टूरिस्ट्स से उनका धर्म पूछा, और फिर ताबड़तोड़ फायरिंग की। सोमवार तक अपनी हरियाली के लिए मशहूर यह घाटी मंगलवार को खून से सन गई। जगह-जगह शव और बिलखते लोग दिखे। आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।

भारत-पाकिस्तान तनाव और रणनीतिक कदम

पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव और बढ़ गया है। सरकार का यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है। पिछले साल 18 मई को भी पहलगाम के पास और एक ओपन टूरिस्ट कैंप में हमले हुए थे, लेकिन इस बार का हमला सबसे बड़ा है।

पहलगाम हमले ने भारत की सुरक्षा और विदेश नीति पर गहरे सवाल खड़े किए हैं। सरकार का यह फैसला आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख को दर्शाता है, लेकिन सीमा हैदर जैसे मामलों में कानूनी प्रक्रिया का पालन जरूरी है।

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