ज्योति मल्होत्रा जासूसी मामला ? हरियाणा के हिसार में पुलिस ने मशहूर ट्रैवल यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के गंभीर आरोप में गिरफ्तार किया है। ज्योति पर इल्ज़ाम है कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों को भारत की कॉन्फिडेंशियल और सेंसेटिव इनफॉरमेशन दे रही थीं। जांच में पता चला कि वह हरियाणा और पंजाब में फैले एक बड़े जासूसी नेटवर्क का हिस्सा थीं। यह मामला देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन गया है। आइए, जानते हैं कौन है ज्योति मल्होत्रा, उनका बैकग्राउंड, उनकी यात्राएं और इस जासूसी मामले की पूरी सच्चाई क्या है।
कौन है ज्योति मल्होत्रा?
ज्योति मल्होत्रा हरियाणा के हिसार की रहने वाली 33 साल की ट्रैवल व्लॉगर हैं। वह अपने यूट्यूब चैनल ‘ट्रैवल विद जो’ के लिए जानी जाती हैं, जिसके 37.7 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं। इसके अलावा, उनके इंस्टाग्राम अकाउंट पर 1.32 लाख फॉलोवर्स हैं। ज्योति अपने सोशल मीडिया पर खुद को एक घुमक्कड़ और डेरिंग वूमेन के रूप में दिखाती हैं। उनके वीडियो और पोस्ट में भारत और विदेश यात्राओं की तस्वीरें और कहानियां दिखती हैं। वह अकेले यात्रा करने, बाइक चलाने और अलग-अलग कल्चर्स को देखने की शौकीन हैं। उनके पिता हरिश मल्होत्रा हरियाणा के बिजली विभाग से रिटायर्ड कर्मचारी हैं। ज्योति की छवि एक आम ट्रैवलर की थी, लेकिन उनकी गिरफ्तारी ने सबको चौंका दिया।
क्या रिश्ता है ज्योति मल्होत्रा का पाकिस्तान से?
पुलिस की जांच में बड़ा खुलासा हुआ कि ज्योति मल्होत्रा 2023 में दो बार पाकिस्तान जा चुकी हैं। उन्होंने कमीशन एजेंटों की मदद से वीजा लिया और इन यात्राओं के दौरान नई दिल्ली में पाकिस्तान हाई कमीशन के कर्मचारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से उनकी दोस्ती हुई। दानिश, जिसे भारत ने हाल ही में देश से निकाल दिया, ने ज्योति को कई पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों से मिलवाया। पुलिस का कहना है कि ज्योति ने व्हाट्सएप, टेलीग्राम और स्नैपचैट जैसे ऐप्स के जरिए इन एजेंटों को भारत की अहम जानकारी दी। उन्होंने इन एजेंटों के नंबर फर्जी नामों, जैसे “जट रंधावा” और “शाकिर”, से सेव किए ताकि किसी को शक न हो। ज्योति ने अपने यूट्यूब चैनल पर पाकिस्तान की अच्छी छवि दिखाने की कोशिश की। उनके वीडियो, जैसे ‘इंडियन गर्ल इन पाकिस्तान’, ‘लाहौर की सैर’ और ‘पाकिस्तान में लग्जरी बस की सवारी’, में लाहौर के बाजार और सांस्कृतिक जगहों को दिखाया गया। पुलिस का मानना है कि यह सब एक सोची-समझी साजिश थी, जिसका मकसद पाकिस्तान की पॉजिटिव इमेज बनाना था।
कश्मीर और पाहलगाम हमले से कनेक्शन
ज्योति की गतिविधियां सिर्फ पाकिस्तान तक नहीं थीं। 2024 में वह कश्मीर गई थीं, जहां उन्होंने डल झील में शिकारा सवारी और श्रीनगर से बनिहाल तक की ट्रेन यात्रा के वीडियो अपने सोशल मीडिया पर डाले। सबसे गंभीर आरोप यह है कि ज्योति ने अप्रैल 2025 में पाहलगाम में हुए आतंकी हमले से पहले वहां की जासूसी की थी, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। पुलिस का कहना है कि जनवरी 2025 में उनकी पांच दिन की कश्मीर यात्रा के दौरान उन्होंने सेंसिटिव प्लेसेस की तस्वीरें और वीडियो बनाए, जो पाकिस्तानी एजेंटों को भेजे गए। इसके अलावा, भारत-पाकिस्तान के बीच चार दिन के सैन्य तनाव के दौरान भी वह दानिश और अन्य खुफिया एजेंटों के संपर्क में थीं।
इंडोनेशिया और अन्य यात्राएं
ज्योति हाल ही में इंडोनेशिया गई थीं, जहां उन्होंने एक पाकिस्तानी खुफिया एजेंट के साथ बाली की यात्रा की। उनके इंस्टाग्राम पर इंडोनेशिया की ट्रेन यात्रा की तस्वीरें हैं, जिसमें उन्होंने लिखा, “इंडोनेशियाई ट्रेन के साथ घूमना-फिरना।” जांच में यह भी पता चला कि ज्योति एक बार चीन भी जा चुकी हैं। उनकी बार-बार विदेश यात्राओं और इनके खर्च का सोर्स पुलिस की जांच में है। पुलिस का कहना है कि उनकी कई यात्राएं पाकिस्तानी एजेंटों ने स्पॉन्सर की थीं।
जासूसी नेटवर्क और गिरफ्तारी
पुलिस के मुताबिक, ज्योति हरियाणा और पंजाब में फैले एक बड़े जासूसी नेटवर्क का हिस्सा थीं। इस नेटवर्क में छह अन्य लोग शामिल थे, जिन्हें गिरफ्तार किया गया है। इनमें पंजाब के मलेरकोटला के यामीन मोहम्मद और गुजाला, कैथल के देविंदर सिंह ढिल्लों, नूंह के अरमान और उत्तर प्रदेश के नौमान इलाही शामिल हैं। ये लोग पाकिस्तानी एजेंटों को जानकारी, पैसे और अन्य मदद दे रहे थे। ज्योति के खिलाफ ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट, 1923 की धारा 3, 4, 5 और भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 के तहत केस दर्ज किया गया है। ज्योति को 16 मई को हिसार के न्यू अग्रसैन एक्सटेंशन से गिरफ्तार किया गया और पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया। उनके फोन, लैपटॉप और अन्य डिवाइस की फोरेंसिक जांच चल रही है। पुलिस उनके बैंक खातों की भी जांच कर रही है ताकि पैसे के लेन-देन का पता लगाया जा सके। यह हरियाणा और पंजाब में जासूसी से जुड़ा सातवां मामला है।
सामाजिक और कानूनी सवाल
ज्योति की गिरफ्तारी ने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की छवि पर पर कई बड़े सवाल खड़े किए हैं। उनके पिता का कहना है कि ज्योति को फंसाया गया है और उनकी यात्राएं वैलिड वीजा के साथ थीं। लेकिन हिसार के पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन ने कहा कि पाकिस्तानी एजेंसियां ज्योति को एक “एसेट” के रूप में तैयार कर रही थीं। यह मामला पाहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच और गंभीर हो गया है।
सोशल मीडिया पर भी इस मामले ने तूफान मचा दिया। टीवी अभिनेत्री रूपाली गांगुली ने X पर लिखा, “देश के खिलाफ काम करने वालों में से किसी को भी नहीं छोड़ना चाहिए।” कुछ लोग ज्योति के वीडियो में “जय श्री राम” जैसे नारे लगाने को धार्मिक भावनाओं का दुरुपयोग मान रहे हैं।
निष्कर्ष
ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी ने दिखाया कि सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कितना बड़ा खतरा हो सकता है। एक ट्रैवल व्लॉगर की आड़ में जासूसी का यह मामला समाज और सरकार के लिए बड़ा सबक है। पुलिस और खुफिया एजेंसियां इस नेटवर्क की पूरी जांच कर रही हैं, और आगे के खुलासों का इंतजार है। ज्योति के खिलाफ सबूतों की मजबूती और उनके इरादों की सच्चाई जांच के बाद ही सामने आएगी। लेकिन यह मामला यह सवाल जरूर उठाता है कि सोशल मीडिया की चकाचौंध के पीछे कितने खतरे छिपे हो सकते हैं।