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ऑपरेशन सिंदूर: मसूद अजहर का परिवार खत्म, “बोला- काश मैं भी मर जाता

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बीच भारतीय सेना ने 7 मई 2025 को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के मुख्य ठिकाने मरकज सुब्हान अल्लाह पर हवाई हमला किया। इस हमले में आतंकी सरगना...

भारतीय वायुसेना द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के तहत बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकाने पर हवाई हमले की तस्वीर।

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बीच भारतीय सेना ने 7 मई 2025 को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के मुख्य ठिकाने मरकज सुब्हान अल्लाह पर हवाई हमला किया। इस हमले में आतंकी सरगना मसूद अजहर के परिवार के 10 लोगों और चार करीबी सहयोगियों के मारे जाने की खबर है। मारे गए लोगों में मसूद की पत्नी, बेटा, बड़ी बहन, बहनोई, मौलाना काशिफ, उनकी बेटी, पोते और चार बच्चे शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हमले से टूटा मसूद अजहर ने कहा, “काश मैं भी मर जाता।”

क्या है ऑपरेशन सिंदूर?

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, के जवाब में भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया। इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना ने मंगलवार देर रात (6 मई 2025) पाकिस्तान और PoK के 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले किए। इनमें बहावलपुर का मरकज सुब्हान अल्लाह, जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय, प्रमुख निशाना था। यह 15-25 एकड़ में फैला परिसर आतंकियों की भर्ती, प्रशिक्षण, और फंडिंग का केंद्र था।

हमले में जैश के कई टॉप कमांडर ढेर हुए। सूत्रों के अनुसार, मसूद अजहर के परिवार के लोग उस समय परिसर में मौजूद थे। बीबीसी उर्दू की रिपोर्ट के मुताबिक, बहावलपुर के अहमदपुर शर्किया इलाके में मरकज सुब्हान अल्लाह पर चार हमले हुए, जिसमें एक मस्जिद पूरी तरह तबाह हो गई। विस्फोट इतना तेज था कि 2 किलोमीटर दूर घरों की खिड़कियां टूट गईं।

मसूद अजहर और जैश-ए-मोहम्मद

मसूद अजहर, बहावलपुर में जन्मा आतंकी, जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक है। 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 के अपहरण के बाद उसे रिहा किया गया था। इसके बाद उसने जैश बनाया और 2001 के संसद हमले, 2016 के पठानकोट हमले, और 2019 के पुलवामा हमले जैसे कई आतंकी हमलों को अंजाम दिया। मसूद को 2019 में संयुक्त राष्ट्र ने ग्लोबल टेरेरिस्ट घोषित किया था। वह बहावलपुर में भारी सुरक्षा के बीच रहता था और मरकज सुब्हान अल्लाह को आतंकी गतिविधियों का केंद्र बनाए हुए था।

पाकिस्तान ने 2002 में जैश पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन यह केवल कागजी कार्रवाई थी। संगठन को अपने कैंप चलाने की पूरी छूट थी। बहावलपुर में जैश के चार ट्रेनिंग सेंटर थे, जहां बच्चों और युवाओं को आतंकी प्रशिक्षण दिया जाता था। मरकज सुब्हान अल्लाह में मस्जिद, स्कूल, अस्पताल, और ट्रेनिंग कैंप थे, जो 600 से ज्यादा आतंकियों को प्रशिक्षण देता था।

हमले का असर और मसूद अजहर का रिएक्शन!

भारतीय सेना ने राफेल जेट्स और स्कैल्प मिसाइलों से बहावलपुर, मुरीदके, कोटली, मुजफ्फराबाद, और अन्य 9 ठिकानों पर हमले किए। सूत्रों के अनुसार, इस हमले में 90 से ज्यादा आतंकी मारे गए, जिसमें मसूद अजहर के परिवार के 10 लोग और चार करीबी सहयोगी शामिल हैं। मसूद की पत्नी, बेटा, बड़ी बहन, मौलाना काशिफ, और उनके परिवार के लोग मारे गए।

मसूद अजहर ने एक बयान में अपने परिवार और सहयोगियों की मौत की पुष्टि की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह इस हमले से बुरी तरह टूट गया है और उसने कहा, “इससे अच्छा मैं भी मर जाता।” हालांकि, यह साफ नहीं है कि मसूद इस हमले में मारा गया या जिंदा है। कुछ सूत्रों का कहना है कि वह बहावलपुर में ही था, जबकि अन्य का दावा है कि वह इस्लामाबाद में सेफ है।

क्यों रखा ऑपरेशन सिंदूर नाम?

पहलगाम हमले में आतंकियों ने खासकर हिंदू पुरुषों को निशाना बनाया था, जिससे कई महिलाएं विधवा हो गईं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऑपरेशन का नाम ‘सिंदूर’ रखा, जो सुहाग की निशानी है। यह हमला न केवल पहलगाम का बदला था, बल्कि 2001 संसद हमले, 2019 पुलवामा हमले, और अन्य आतंकी घटनाओं का हिसाब चुकाने की कार्रवाई थी। भारतीय सेना ने अपने हवाई क्षेत्र से हमले किए, ताकि पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को नुकसान न पहुंचे और युद्ध की स्थिति न बने।

क्या रहा पाकिस्तान का रिएक्शन?

पाकिस्तानी सेना ने हमले की पुष्टि की और इसे “कायराना” कदम बताया। स्थानीय पत्रकारों के मुताबिक, मंगलवार रात पहला धमाका होने पर लोग घटनास्थल पर पहुंचे, और फिर दूसरा धमाका हुआ। हमले की तीव्रता इतनी थी कि आसपास के घरों की खिड़कियां टूट गईं। एक शिक्षक ने बताया कि मरकज में 800 छात्र पढ़ते थे, लेकिन हमले से पहले इसे खाली करा लिया गया था।

पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया कि हमले में 8 नागरिक मारे गए और दो मस्जिदें तबाह हुईं। लेकिन भारत ने साफ किया कि यह कार्रवाई केवल आतंकी ठिकानों पर थी।

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