जम्मू-कश्मीर के फेमस टूरिस्ट प्लेस पहलगाम में मंगलवार, 22 अप्रैल 2025 को आतंकियों ने टूरिस्ट्स पर हमला कर दिया। इस हमले में 28 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें ज्यादातर टूरिस्ट्स हैं। मृतकों में दो विदेशी नागरिक और दो स्थानीय लोग भी शामिल हैं। यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक आतंकी हमला है। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इसे हाल के वर्षों में आम लोगों पर सबसे बड़ा हमला करार दिया। सेना आतंकियों की तलाश में जुट गई है, और लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी हाई-लेवल मीटिंग के लिए श्रीनगर पहुंच गए हैं।
मिनी स्विट्जरलैंड’ में हमला
अधिकारियों के अनुसार, यह आतंकी हमला दोपहर करीब 3 बजे पहलगाम की बैसरन घाटी में हुआ, जिसे ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ कहा जाता है। यह इलाका हरे-भरे घास के मैदानों के लिए मशहूर है। चश्मदीदों ने बताया कि हथियारबंद आतंकी पहाड़ से नीचे उतरे और वहां घुड़सवारी कर रहे टूरिस्ट्स, पिकनिक मना रहे लोगों और खाने-पीने की जगहों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी।
पांच आतंकी शामिल, मिलिट्री यूनिफार्म में थे हमलावर
आतंकी मिलिट्री यूनिफार्म में थे, जिससे टूरिस्ट्स को उनकी पहचान समझने में देरी हुई। इस हमले में कई टूरिस्ट्स और स्थानीय लोग घायल हुए, और कुछ घोड़ों को भी गोली लगी। मौका-ए-वारदात पर मौजूद लोगों ने बताया कि हमले में पांच आतंकी शामिल थे। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैबा से जुड़े संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली है। लेकिन जांच की जा रही है कि इसके पीछे टीआरएफ ही है या फिर लश्कर या कोई और। टीआरएफ ने एक पेज के अपने मैसेज में यह भी लिखा है कि जम्मू-कश्मीर में गैर-स्थानीय लोगों को बसाया जा रहा है, और ऐसे “अवैध बसने वालों” के खिलाफ हिंसा जारी रहेगी।
हेल्पलाइन नंबर जारी
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने श्रीनगर में एक इमरजेंसी कंट्रोल रूम बनाया है और लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। ये नंबर हैं: 0194-2457543, 0194-2483651, और मोबाइल नंबर 7006058623। घायलों को स्थानीय लोगों ने घोड़ों की मदद से अस्पताल पहुंचाया।
हाई अलर्ट और सख्त कार्रवाई की तैयारी
हमले के बाद पूरे जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में गृह सचिव, आईबी चीफ, CRPF और BSF के डीजी, और सेना के टॉप लेवल अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक हाई-लेवल मीटिंग की। इसके बाद वे तुरंत जम्मू-कश्मीर के लिए रवाना हो गए। उनके साथ कई सुरक्षा बलों के प्रमुख भी मौके पर पहुंचे। सूत्रों का कहना है कि इस मीटिंग में आतंकियों को करारा जवाब देने की रणनीति बनाई गई।
आतंकियों की तलाश में सर्च ऑपरेशन
हमले के बाद सेना ने पहलगाम में आतंकियों की तलाश तेज कर दी है। उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एम.वी. सुचिंद्र कुमार दिल्ली से श्रीनगर पहुंच गए। वे उस समय दिल्ली में एक कॉन्फ्रेंस में थे, लेकिन हमले की खबर मिलते ही श्रीनगर रवाना हो गए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी से बात कर स्थिति की जानकारी ली। सेना, CRPF, स्थानीय पुलिस, और क्विक रिएक्शन टीम ने इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। हेलिकॉप्टर से भी संदिग्ध इलाकों की निगरानी की जा रही है।
TRF ने ली जिम्मेदारी
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया कि TRF ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। हालांकि, यह जांच की जा रही है कि इसके पीछे TRF के साथ लश्कर-ए-तैयब या कोई अन्य संगठन भी शामिल है या नहीं। TRF ने अपने मैसेज में कहा कि वे जम्मू-कश्मीर में गैर-स्थानीय लोगों को बसाने का विरोध करते हैं। पुलिस ने बताया कि हमला जिस जगह हुआ, वहां सड़क नहीं है, और वहां पैदल या खच्चरों से ही पहुंचा जा सकता है।