• होम /
  • देश /
  • RTO में दलालों का खेल खत्म! हर सोमवार जनसुनवाई, अब सीधे समाधान

RTO में दलालों का खेल खत्म! हर सोमवार जनसुनवाई, अब सीधे समाधान

जयपुर के परिवहन विभाग ने एक नई पहल शुरू की है, जिससे अब आरटीओ कार्यालयों में दलालों का खेल खत्म होने की उम्मीद है। आम लोगों को दलालों के चक्कर से बचाने और उनकी समस्याओं का तुरंत समाधान करने के...

जयपुर के परिवहन विभाग ने एक नई पहल शुरू की है, जिससे अब आरटीओ कार्यालयों में दलालों का खेल खत्म होने की उम्मीद है। आम लोगों को दलालों के चक्कर से बचाने और उनकी समस्याओं का तुरंत समाधान करने के लिए जयपुर के आरटीओ (प्रथम) में हर सोमवार को जनसुनवाई का आयोजन किया जाएगा। इस पहल को ‘समस्या से समाधान’ नाम दिया गया है, जिसका मकसद परिवहन विभाग से जुड़ी शिकायतों को सुनना और उनका मौके पर ही निपटारा करना है। इस कदम से न केवल आम लोगों को राहत मिलेगी, बल्कि विभाग की छवि को भी बेहतर करने में मदद मिलेगी।

जयपुर आरटीओ (प्रथम) के अधिकारी राजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि यह पहल जयपुर में परिवहन विभाग के लिए एक नया और महत्वपूर्ण कदम है। अब लोग अपनी समस्याएं सीधे अधिकारियों तक पहुंचा सकेंगे। हर सोमवार सुबह 11 से 12 बजे तक होने वाली इस जनसुनवाई में सभी जिला परिवहन अधिकारी मौजूद रहेंगे। इस दौरान उठने वाली शिकायतों को संपर्क पोर्टल पर ऑनलाइन दर्ज किया जाएगा, ताकि शिकायतकर्ता अपनी प्रॉब्लम के सॉल्यूशन की प्रोसेस को ऑनलाइन ट्रैक कर सकें। यह लोगों के बीच ट्रांसपेरेंसी बढ़ाने और भरोसा जीतने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।

लंबे समय से परिवहन विभाग में दलालों की मनमानी की शिकायतें आम रही हैं। गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन, लाइसेंस बनवाने, या अन्य कामों के लिए लोग दलालों के जाल में फंस जाते हैं और बिना अतिरिक्त ‘सुविधा शुल्क’ दिए उनका काम नहीं हो पाता। इन शिकायतों के बावजूद, विभाग बार-बार दावा करता रहा है कि ऐसी कोई समस्या नहीं है। लेकिन हर बार कोई न कोई मामला सामने आता है, जो इन दावों की पोल खोल देता है। दलालों का यह सिस्टम न केवल आम लोगों के लिए परेशानी का सबब है, बल्कि परिवहन विभाग को भी नुकसान पहुंचाता है।

इसी समस्या से निपटने के लिए परिवहन विभाग ने ‘खुली सुनवाई’ का मॉडल अपनाया है। इस जनसुनवाई में न केवल शिकायतें सुनी जाएंगी, बल्कि मौके पर ही उनके समाधान के लिए निर्देश भी जारी किए जाएंगे। यह पहल न केवल दलालों की मनमानी पर लगाम लगाने की कोशिश है, बल्कि आम लोगों को परिवहन विभाग के कामकाज में विश्वास दिलाने का भी एक प्रयास है। इस व्यवस्था से लोगों को बिना किसी बिचौलिए के अपनी समस्याएं अधिकारियों तक पहुंचाने का मौका मिलेगा, जिससे समय और पैसे दोनों की बचत होगी।

हालांकि, इस फैसले का असर कितना होगा, यह तो समय ही बताएगा। फिर भी, परिवहन विभाग का यह कदम सराहनीय है, क्योंकि यह न केवल दलालों के प्रभाव को कम करने की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है, बल्कि आम लोगों के लिए सुविधा और ट्रांसपेरेंसी को बढ़ावा देने वाला भी है। विभाग का लक्ष्य साफ है—अपनी छवि को सुधारना और आम जनता को राहत पहुंचाना। अगर यह पहल सफल होती है, तो यह अन्य विभागों के लिए भी एक मिसाल बन सकती है।

RELATED STORIES

Latest news