गूगल अपने एंड्रॉयड 16 ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ स्मार्टफोन की सेफ्टी को एक नए लेवल पर ले जा रहा है। जल्द ही एक ऐसी नई एंटी-थेफ्ट फीचर लॉन्च होने वाली है, जो चोरी हुए फोन को पूरी तरह बेकार कर देगी। इस फीचर के बाद चोर न सिर्फ फोन इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे, बल्कि इसे बेचने की कोशिश में भी पछताएंगे। आइए, जानते हैं कि यह नया फीचर क्या है, यह कैसे काम करेगा, और मौजूदा सिक्योरिटी फीचर्स क्या हैं?
नया एंटी-थेफ्ट फीचर: चोरों की राह मुश्किल
गूगल पहले से ही फैक्ट्री रीसेट प्रोटेक्शन (FRP) जैसी सुविधाएं देता है, जो चोरी हुए फोन को दोबारा इस्तेमाल करने से रोकता है। लेकिन कुछ चोर और हैकर्स इनका तोड़ निकाल लेते हैं। अब एंड्रॉयड 16 में गूगल एक और सख्त FRP फीचर ला रहा है, जिसकी घोषणा हाल ही में ‘The Android Show: I/O Edition’ में की गई।
इस नए फीचर के तहत, अगर कोई चोर चोरी किए गए फोन को सेटअप प्रोसेस के बिना इस्तेमाल करने की कोशिश करता है, तो उसे एक चेतावनी दिखेगी। साथ ही, उसे फोन को फैक्ट्री रीसेट करने के लिए मजबूर किया जाएगा। लेकिन रीसेट करने के बाद भी फोन तब तक काम नहीं करेगा, जब तक सही स्क्रीन लॉक या गूगल अकाउंट की जानकारी न डाली जाए। यानी, फोन की सारी सुविधाएं—कॉल, ऐप्स, सेटिंग्स—पूरी तरह ब्लॉक रहेंगी।
यह मौजूदा FRP से कहीं ज्यादा सख्त है, क्योंकि अभी कुछ चोरी हुए फोन में कॉल जैसी बेसिक सुविधाएं काम करती हैं। इस नए फीचर के साथ गूगल का मकसद चोरी के फोन को बेकार बनाना है, ताकि चोरों को इसे बेचने का कोई फायदा न हो।
एंड्रॉयड के मौजूदा सिक्योरिटी फीचर्स
एंड्रॉयड पहले से ही कई शानदार एंटी-थेफ्ट फीचर्स देता है, जो फोन को सिक्योर रखने में मदद करते हैं। ये हैं कुछ खास फीचर्स:
- थेफ्ट डिटेक्शन लॉक: यह फीचर फोन के मोशन सेंसर्स, वाई-फाई और ब्लूटूथ का इस्तेमाल करता है। अगर कोई अचानक फोन छीनकर भागता है, तो फोन अपने आप लॉक हो जाता है, जिससे डेटा सिक्योर रहता है।
- रिमोट लॉक: अगर आपका फोन गुम हो जाए या चोरी हो जाए, तो आप किसी दूसरे डिवाइस से android.com/lock पर जाकर अपने वेरिफाइड फोन नंबर के जरिए फोन को लॉक कर सकते हैं। इसके लिए Find My Device का चालू होना जरूरी है।
- ऑफलाइन डिवाइस लॉक: अगर चोर फोन को इंटरनेट से डिस्कनेक्ट कर देता है ताकि उसे ट्रैक न किया जाए, तो कुछ देर ऑफ रहने के बाद फोन अपने आप लॉक हो जाता है। यह फीचर चोरों को ट्रैकिंग से बचने से रोकता है।
- आइडेंटिटी चेक: यह फीचर गूगल अकाउंट या फोन की सेटिंग्स में कोई सेंसिटिव चेंजेज करने से पहले बायोमेट्रिक्स (जैसे फिंगरप्रिंट या फेस स्कैन) से आपकी आइडेंटी कंफर्म करता है। यह खास तौर पर तब काम करता है, जब फोन किसी अनजान जगह पर हो।
कब आएगा यह फीचर?
गूगल ने बताया है कि यह नया FRP फीचर एंड्रॉयड 16 के साथ 2025 में रिलीज होगा। हालांकि, यह शुरुआती रिलीज में नहीं हो सकता और बाद में किसी क्वार्टरली प्लेटफॉर्म रिलीज (QPR) के जरिए आ सकता है। यह फीचर एंड्रॉयड 10 और उससे ऊपर के वर्जन वाले फोनों पर भी अवेलेबल होगा, जिससे ज्यादातर यूजर्स इसका फायदा उठा सकेंगे।
क्यों जरूरी है यह अपडेट?
आजकल स्मार्टफोन में हमारी प्राइवेट इनफॉरमेशन—बैंकिंग ऐप्स, पासवर्ड, फोटो—सब कुछ होता है। फोन चोरी होने पर सिर्फ डिवाइस का नुकसान नहीं होता, बल्कि डेटा चोरी का खतरा भी बढ़ जाता है। गूगल का यह नया फीचर चोरों के लिए फोन को बेकार बनाकर चोरी की घटनाओं को कम करने की कोशिश है। साथ ही, यह यूजर्स की टेंशन को खत्म कर देगा क्योंकि उनका डेटा अब सेफ है।
अंत में
एंड्रॉयड 16 का यह नया एंटी-थेफ्ट फीचर स्मार्टफोन की सेफ्टी को और मजबूत करने वाला है। चोरी हुए फोन को बेकार बनाकर गूगल न सिर्फ यूजर्स की सेफ्टी बढ़ा रहा है, बल्कि चोरों के लिए भी सबक सिखा रहा है। क्या आप इस फीचर को अपने फोन में आजमाने के लिए एक्साइटेड हैं? अपनी राय कमेंट में जरूर बताएं