फोन खराब हो गया? एक्सपर्ट्स बताते हैं-: आजकल स्मार्टफोन हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा है, लेकिन जब फोन में कोई खराबी आती है, तो हम कन्फ्यूज हो जाते हैं कि इसे ठीक करवाएं या नया फोन खरीद लें। ज्यादातर लोग बिना सोचे नया फोन ले लेते हैं, लेकिन कई बार पुराना फोन ठीक करवाना सस्ता और समझदारी भरा फैसला हो सकता है। अगर आप भी इस दुविधा में हैं, तो कुछ जरूरी बातें जान लें। पुराना फोन ठीक करवाने और नया खरीदने के फायदे-नुकसान समझकर सही फैसला लें। आइए, एक्सपर्ट्स की सलाह से इसे समझते हैं।
पुराना फोन ठीक करवाने के फायदे
- कम खर्च: अगर फोन की स्क्रीन टूट गई है, बैटरी जल्दी खत्म हो रही है, या चार्जिंग पोर्ट खराब है, तो इसे ठीक करवाना नया फोन खरीदने से बहुत सस्ता पड़ता है। आमतौर पर 1,000-5,000 रुपये में छोटी-मोटी खराबी ठीक हो जाती है।
- पर्यावरण की सुरक्षा: पुराना फोन ठीक करवाने से इलेक्ट्रॉनिक कचरा (ई-वेस्ट) कम होता है, जो एनवायरनमेंट के लिए अच्छा है।
- सुरक्षित डेटा : नया फोन लेने पर पुराने फोन से डेटा, फोटो, और ऐप्स ट्रांसफर करने की मेहनत करनी पड़ती है। रिपेयर में आपका वही फोन चलता है, तो डेटा सुरक्षित रहता है।
- लोकल दुकानों को फायदा: फोन ठीक करवाने से लोकल टेक्निशियन और छोटी दुकानों को रोजगार मिलता है।
पुराना फोन ठीक करवाने के नुकसान
- बार-बार खराबी: पुराना फोन ठीक करने के बाद भी जल्दी खराब हो सकता है, जिससे फिर से पैसे और समय खर्च होता है।
- पुरानी तकनीक: पुराने फोन का हार्डवेयर नए ऐप्स और सॉफ्टवेयर अपडेट्स को ठीक से सपोर्ट नहीं करता, जिससे फोन स्लो हो सकता है।
- कमजोर बैटरी: पुरानी बैटरी जल्दी खत्म होती है, और नई बैटरी लगाने पर भी उसकी लाइफ लिमिटेड ही होती है।
नया फोन खरीदने के फायदे
- बेहतर परफॉर्मेंस: नए फोन में तेज प्रोसेसर, शानदार कैमरा, और लंबे समय तक चलने वाली बैटरी मिलती है, जिससे काम आसान और तेज होता है।
- सिक्योरिटी अपडेट्स: नए फोन को 2-3 साल तक डेली सॉफ्टवेयर और सिक्योरिटी अपडेट्स मिलते हैं, जो हैकिंग और वायरस से बचाते हैं।
- नए फीचर्स: 5G सपोर्ट, फास्ट चार्जिंग, AI कैमरा, और वॉटरप्रूफ जैसे नए फीचर्स सिर्फ नए फोन्स में मिलते हैं।
- लंबा साथ: नया फोन 3-5 साल तक बिना किसी बड़ी दिक्कत के चल सकता है।
नया फोन खरीदने के नुकसान
- ज्यादा खर्च: नया फोन खरीदना महंगा पड़ता है। एक अच्छा फोन 15,000 से 50,000 रुपये तक का हो सकता है, जो जेब पर भारी पड़ता है।
- EMI का बोझ: अगर फोन किश्तों पर लिया जाए, तो ब्याज और हर महीने की किस्त का स्ट्रेस बढ़ता है।
- डेटा ट्रांसफर की परेशानी: पुराने फोन से फोटो, वीडियो, कॉन्टैक्ट्स, और पासवर्ड नए फोन में ट्रांसफर करना समय लेने वाला और मुश्किल काम हो सकता है।
- पर्यावरण को नुकसान: पुराना फोन फेंकने से ई-वेस्ट बढ़ता है, जो एनवायरनमेंट के लिए हानिकारक है।
एक्सपर्ट्स की सलाह: कब क्या करें?
एक्सपर्ट्स की राय में, फोन की उम्र और खराबी की स्थिति के आधार पर फैसला लेना चाहिए:
- नया फोन खरीदें अगर: आपका फोन 3 साल से ज्यादा पुराना है, बार-बार खराब हो रहा है, या नए ऐप्स और अपडेट्स को सपोर्ट नहीं करता। नया फोन लंबे समय तक चलेगा और नए फीचर्स का मजा देगा।
- रिपेयर करवाएं अगर: फोन में छोटी-मोटी खराबी है, जैसे टूटी स्क्रीन, कमजोर बैटरी, या चार्जिंग पोर्ट की दिक्कत। अगर फोन अभी भी ठीक काम कर रहा है और बजट कम है, तो रिपेयर करवाना सही रहेगा।
- बजट का ध्यान रखें: अगर आपका बजट तंग है, तो रिपेयर करवाकर कुछ महीने और पुराना फोन चलाएं। लेकिन अगर आप लंबे समय के लिए बिना टेंशन के फोन चाहते हैं, तो नया फोन लेना बेहतर है।
- सिक्योरिटी चेक करें: पुराने फोन को सॉफ्टवेयर अपडेट्स मिल रहे हैं या नहीं, यह जरूर देखें। बिना अपडेट्स के फोन हैकिंग का शिकार हो सकता है।
कुछ जरूरी टिप्स
- फोन ठीक करवाने से पहले भरोसेमंद सर्विस सेंटर चुनें और ऑरिजिनल पार्ट्स ही लगवाएं।
- नया फोन खरीदने से पहले पुराने फोन का डेटा बैकअप लें और ट्रांसफर की प्रोसेस को समझ लें।
- पुराना फोन बेचने या रीसाइकल करने से पहले उसका डेटा पूरी तरह डिलीट करें।
- अगर बजट कम है, तो पुराने मॉडल्स के रिफर्बिश्ड फोन भी एक ऑप्शन हो सकते हैं।
अंत में
पुराना फोन ठीक करवाना हो या नया खरीदना, यह फैसला आपकी जरूरत, बजट, और फोन की हालत पर डिपेंड करता है। छोटी खराबी होने पर फोन रिपेयर करवाना, सस्ता और पर्यावरण के लिए अच्छा है, लेकिन पुराने फोन की दिक्कतें आपको बार-बार परेशान कर सकती है। नया फोन बेहतर फीचर्स और सिक्योरिटी देता है, पर महंगा पड़ता है। एक्सपर्ट्स की सलाह मानें, फायदे-नुकसान तौलें, और सही फैसला लें और अपने फोन को अपग्रेड करने का सही समय चुनें!
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